Post Office SSY Scheme hindi : देश में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में से एक है सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)। यह योजना खास तौर पर माता-पिता को बेटियों के लिए बचत करने और भविष्य में अच्छी रकम तैयार करने का मौका देती है। अगर आप इस स्कीम में थोड़ी-थोड़ी बचत करते हैं, तो आपको मैच्योरिटी पर लाखों रुपये का रिटर्न मिल सकता है।
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
सुकन्या समृद्धि योजना एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है जिसे पोस्ट ऑफिस और कुछ सरकारी बैंकों के माध्यम से संचालित किया जाता है। इस योजना की शुरुआत भारत सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत की थी। इसका उद्देश्य बेटियों के शिक्षा और शादी के लिए आर्थिक रूप से मदद करना है।
कौन खोल सकता है खाता?
इस योजना में खाता केवल उन्हीं बेटियों के लिए खोला जा सकता है जिनकी उम्र 10 साल या उससे कम है।
एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खोला जा सकता है।
अगर किसी परिवार में जुड़वा या ट्रिपल गर्ल्स जन्म लेती हैं तो तीनों के लिए भी खाते की अनुमति मिल सकती है।
खाता माता-पिता या अभिभावक के नाम पर खोला जाता है, लेकिन जब बेटी की उम्र 18 साल हो जाती है तो वह खुद खाता ऑपरेट कर सकती है।
निवेश की सीमा क्या है?
इस योजना में आप न्यूनतम ₹250 सालाना और अधिकतम ₹1.5 लाख सालाना जमा कर सकते हैं।
मासिक जमा की सुविधा नहीं है, लेकिन आप जब चाहे जितनी बार भी पैसे जमा कर सकते हैं, जब तक कुल रकम सालाना सीमा में हो।
अगर आप हर महीने ₹5000 जमा करते हैं, तो सालाना ₹60,000 और 15 साल में कुल ₹9 लाख जमा होते हैं।
ब्याज दर और रिटर्न कितना मिलेगा?
सुकन्या समृद्धि योजना पर सरकार द्वारा तय की गई ब्याज दर 8.2% (वर्ष 2025) है, जो बाकी स्कीमों के मुकाबले काफी अधिक है।
15 साल तक निवेश करने के बाद खाता 21 साल में मैच्योर होता है।
अगर आपने 15 साल तक हर महीने ₹5000 यानी सालाना ₹60,000 निवेश किया, तो
कुल जमा राशि: ₹9,00,000
ब्याज से कमाई: ₹18,71,031 (8.2% दर पर)
मैच्योरिटी पर कुल राशि: ₹27,71,031
पैसे निकालने की शर्तें
जब बेटी 18 साल की हो जाती है, तो वह खुद अकाउंट ऑपरेट कर सकती है।
18 साल की उम्र में शिक्षा आदि के लिए 50% तक राशि निकाली जा सकती है।
खाता पूरी तरह से 21 साल में मैच्योर होता है, तब पूरी राशि निकाली जा सकती है।
यदि खाता खोलने के बाद बेटी की मृत्यु हो जाती है, तो 5 साल बाद खाता बंद कर राशि निकाली जा सकती है।
टैक्स में भी फायदा
इस योजना में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। यानी जो पैसे आप इसमें निवेश करते हैं, उस पर टैक्स नहीं देना होता। साथ ही ब्याज और मैच्योरिटी की रकम भी टैक्स फ्री होती है।