Train Mileage 1 लीटर डीजल में ट्रेन कितनी दूरी तय करती है? जाने ट्रेन के डीजल खर्च के बारे में

Train Mileage : भारतीय रेलवे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। यह न केवल यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करता है, बल्कि बड़ी मात्रा में माल ढुलाई कर देश के व्यापार को भी गति देता है। करोड़ों लोग हर दिन ट्रेन से सफर करते हैं, ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि ट्रेनें कितना डीजल खपत करती हैं और उनका माइलेज कितना होता है।

भारतीय रेलवे की भूमिका

भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेल नेटवर्क में से एक है। यह हर दिन लाखों यात्रियों और टनों माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाता है। इतना ही नहीं, भारतीय रेलवे देश के लाखों लोगों को रोजगार भी देता है और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आज के डिजिटल युग में रेलवे ने भी तकनीकी रूप से अपने आपको अपडेट किया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग, मोबाइल ऐप्स और डिजिटल डिस्प्ले जैसी सुविधाएं यात्रियों की सहूलियत के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं।

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1 लीटर डीजल में ट्रेन कितनी दूरी तय करती है

यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि जब इतनी बड़ी ट्रेन चलती है तो वह 1 लीटर डीजल में कितनी दूरी तय करती होगी? इसका सीधा जवाब यह है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रेन किस प्रकार की है, उसमें कितने डिब्बे हैं, उसका इंजन कितना पावरफुल है और वह किस गति से चल रही है।

पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का माइलेज

अगर सामान्य पैसेंजर ट्रेनों की बात करें, तो इसमें लगे इंजन आमतौर पर 1 लीटर डीजल में लगभग 5 से 6 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं। वहीं एक्सप्रेस ट्रेनों का माइलेज थोड़ा कम होता है, क्योंकि उनकी स्पीड और वजन दोनों ज्यादा होते हैं। एक औसत 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन 1 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 4.5 लीटर डीजल की खपत करती है।

सुपरफास्ट ट्रेनों की डीजल खपत

सुपरफास्ट ट्रेनों की बात करें तो इनमें डीजल की खपत अपेक्षाकृत कम होती है। उदाहरण के लिए, सुपरफास्ट ट्रेन 1 लीटर डीजल में 230 मीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इसके मुकाबले पैसेंजर ट्रेनों में यही दूरी 180 से 200 मीटर होती है। इसका मुख्य कारण है सुपरफास्ट ट्रेनों का हाई-एफिशिएंसी इंजन और ट्रैक पर कम रुकावट।

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डीजल खपत पर कोच की संख्या का असर

ट्रेन की डीजल खपत कोच की संख्या पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ट्रेन में 24 से 25 डिब्बे लगे हों, तो उसे 1 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 6 लीटर डीजल की आवश्यकता होती है। यानी डिब्बों की संख्या बढ़ने से वजन बढ़ता है, जिससे डीजल की खपत भी बढ़ जाती है।

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रेलवे की ऊर्जा दक्षता और भविष्य

भारतीय रेलवे अपनी डीजल खपत को कम करने और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन, हाई एफिशिएंसी डीजल इंजन और हाइब्रिड इंजन जैसे विकल्पों पर काम कर रहा है। इसके अलावा रेलवे का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में ज्यादातर ट्रेनें बिजली से चलें, ताकि प्रदूषण कम हो और ईंधन की बचत हो सके।

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